रानी कमलापति ( Rani Kamlapati ) | Rani Kamlapati History in Hindi

  • रानी कमलापति एक गोंड रानी थीं जिनका विवाह गिन्नौरगढ़ के राजा के साथ हुआ था।

  • 18वीं शताब्दी की रानी कमलापति के बारे में कहा जाता है कि वो बहुत सुंदर थीं।

  • रानी कमलापति के पिता का नाम कृपाल सिंह सरोतिया था।

  • गोंड भारत के सबसे बड़े आदिवासी समुदायों में से एक है। गोंड मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, बिहार, उड़ीसा में फैले हुए हैं।

  • गिन्नौरगढ़ भोपाल से लगभग 60 किलोमीटर दूर था और उस समय भोपाल भी गिन्नौरगढ़ के अंतर्गत आता था।

  • यहाँ के गोंड शासक सूरज सिंह शाह के पुत्र निजामशाह से रानी कमलापति का विवाह हुआ था और वो राजा की 7 रानियों में से एक थीं।

  • रानी कमलापति को गोंड राजवंश की अंतिम रानी माना जाता है। साथ ही वे भोपाल की अंतिम हिन्दू रानी भी थीं।

  • रानी कमलापति को उनकी बहादुरी के लिए जाना जाता है। उन्होंने बेहतर जल प्रबंधन के साथ ही अपने राज्य में बड़ी संख्या में पार्कों और मंदिरों का निर्माण भी कराया।

  • मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रानी कमलापति के सम्मान में एक पार्क बनाया गया है जिसका नाम कमला पार्क है। इसी पार्क में उनका महल भी मौजूद है।

  • निजामशाह के भतीजे आलमशाह ने उनकी संपत्ति हड़पने के लिए खाने में ज़हर देकर उनकी हत्या कर दी।

  • राजा की मृत्यु के बाद रानी कमलापति अपने बेटे नवलशाह के साथ भोपाल के कमलापति महल में आकर रहने लगीं। इस 7 मंजिला महल का निर्माण उनके पति निजामशाह ने 17वीं शताब्दी में कराया था। वर्तमान में इस महल की 5 मंजिलें पानी में डूब चुकी हैं। कुछ लोगों का मत है कि इस महल का निर्माण रानी कमलापति ने करवाया था।

  • अपने पति की हत्या का बदला लेने के लिए रानी कमलापति ने दोस्त मुहम्मद खान से सहायता माँगी। दोस्त मुहम्मद खान पड़ोसी राज्य इस्लामपुर का शासक था।

  • मुहम्मद खान 1 लाख अशर्फियों के बदले रानी की सहायता करने के लिए तैयार हो गया और उसने आलमशाह की हत्या कर दी।

  • रानी कमलापति उस समय केवल 50000 अशर्फियों की ही व्यवस्था कर पायीं और बाकी अशर्फियों के बदले में उन्होंने मुहम्मद खान को भोपाल का कुछ हिस्सा दे दिया।

  • कालांतर में दोस्त मुहम्मद खान भोपाल की रियासत पर कब्ज़ा करना चाहता था। उसने रानी के सामने शादी का प्रस्ताव भी रखा।

  • इस बात से क्रोधित होकर रानी का 14 वर्षीय पुत्र नवलशाह मुहम्मद खान से युद्ध करने पहुँच गया। यह युद्ध लाल घाटी में हुआ।

  • इस घमासान युद्ध में नवलशाह की मृत्यु हो गई। युद्ध में इतना खून बहा कि यहाँ की मिट्टी भी लाल हो गई। इस कारण इसे लाल घाटी कहा जाने लगा।

  • युद्ध में रानी के दो सैनिक जान बचाकर मनुआभान की पहाड़ी पर पहुँचे और काला धुंआ कर युद्ध हारने का संकेत दिया।

  • खतरा भाँपकर रानी कमलापति ने बड़े तालाब का बांध खुलवा दिया जिससे पानी छोटे तालाब में आने लगा।

  • इसमें रानी कमलापति ने महल की धन-दौलत और आभूषण डालकर स्वयं जल-समाधि ले ली।

  • स्रोतों के अनुसार रानी कमलापति ने सन 1723 में मृत्यु को गले लगाया था।

  • कुछ इतिहासकार रानी कमलापति की जल-समाधि को नकारते हैं। उनका मत है कि उस समय वहाँ छोटा तालाब मौजूद ही नहीं था।

  • रानी की मृत्यु के बाद भोपाल पर मुस्लिम शासकों का शासन शुरू हुआ जिनमें पहला नाम था दोस्त मुहम्मद खान।

  • भोपाल पर शासन करने वाली मुस्लिम महिलाओं को बेगम कहा जाता था

  • 1901 से 1923 तक भोपाल पर जहान बेगम का शासन था। उन्होंने अपने पौत्र हबीबुल्लाह के नाम पर भोपाल के एक हिस्से का नाम हबीबगंज रखा।

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