प्राचीन भारतीय इतिहास (Ancient Indian History) | Ancient Indian History Facts in Hindi

  • कई लाख वर्ष पहले से लोग नर्मदा नदी के तट पर रह रहे हैं। यहाँ रहने वाले आरंभिक लोगों में से कुछ कुशल संग्राहक थे । वे आस-पास के जंगलों की विशाल संपदा से भी परिचित थे। अपने भोजन के लिए वे जड़ों, फलों तथा जंगल के अन्य उत्पादों का यहीं से संग्रह किया करते थे। वे जानवरों का शिकार भी किया करते थे।

  • उत्तर-पश्चिम की सुलेमान और किरथर पहाड़ियों में कुछ स्थानों पर लगभग 8 हजार वर्ष पहले लोगों ने सबसे पहले गेहूँ और जौ जैसी फसलों को उपजाना शुरू किया।

  • ये लोग गाँव में रहा करते थे और उन्होंने कुछ पशुओं को पालतू बनाना भी शुरू किया जैसे- बकरी, भेड़, गाय, बैल।

  • उत्तर-पूर्व में गारो और मध्य भारत में विंध्य पहाड़ियों के क्षेत्र में कृषि का विकास हुआ।

  • विंध्य के उत्तर में स्थित स्थानों पर सबसे पहले चावल उपजाया गया।

  • लगभग 4700 वर्ष पहले सिंधु तथा इसकी सहायक नदियों के किनारे कुछ नगर विकसित हुए।

  • गंगा व इसकी सहायक नदियों के किनारे तथा समुद्र के तटवर्ती क्षेत्रों में नगर लगभग 2500 वर्ष पहले विकसित हुए।

  • इण्डिया शब्द इंडस से बना है जिसका संस्कृत में अर्थ होता है सिंधु।

  • लगभग 2500 वर्ष पहले ईरानियों तथा यूनानियों ने सिंधु को हिंदोस या इंदोस कहा तथा इसके पूर्व में स्थित क्षेत्र को इंडिया कहा। ये लोग उत्तर-पश्चिम से आये थे।

  • भरत नाम का प्रयोग लोगों के एक समूह के लिए किया जाता था जो उत्तर-पश्चिम में रहते थे। कालांतर में इसका प्रयोग देश के लिए होने लगा

  • अपने अतीत का विवरण हमें कई स्रोतों से मिलता है जिनमें से एक प्रमुख स्रोत हैं पांडुलिपियाँ। जो पुस्तक हाथ से लिखी जाती थीं उन्हें पांडुलिपि कहा जाता है। इन पाण्डुलिपियों को लिखने के लिए ताड़पत्रों का इस्तेमाल किया जाता था और साथ ही एक विशेष प्रकार के भोजपत्रों का प्रयोग भी होता था जो हिमालयी क्षेत्र में उगने वाले भूर्ज नामक पेड़ की छाल से तैयार होते थे।

  • आम लोगों की भाषा प्राकृत थी।

  • मिस्र से अभिलेख के रूप में एक ऐसा उत्कीर्णित पत्थर मिला है जिस पर वहाँ के राजाओं तथा रानियों के नाम एक फ्रेम में दिखाए गए हैं जिसे कारतूश कहा जाता है।

  • आरंभिक मानव जो लगभग 20 लाख वर्ष पहले यहाँ रहा करते थे उन्हें उनकी भोजन एकत्र करने की विधि के कारण आखेटक-खाद्य संग्राहक के नाम से पुकारा जाता है। ये लोग भोजन की तलाश में एक जगह से दूसरी जगह पर घूमा करते थे।

  • आरंभिक मानवों ने शिकार, भोजन आदि के लिए प्रयुक्त औज़ारों को बनाने के लिए लकड़ी, पत्थर और हड्डियों का इस्तेमाल किया।

  • लकड़ियों का उपयोग ईंधन के साथ-साथ झोंपड़ियाँ और औज़ार बनाने में भी होता था।

  • आरंभिक लोगों द्वारा आग की खोज के प्रमाण कुरनूल गुफा से प्राप्त हुए हैं जहाँ राख के अवशेष मिले हैं।

  • पुरापाषाण काल का समय 20 लाख वर्ष पहले से 12 हजार वर्ष पहले तक माना जाता है। पुरापाषाण काल को भी 3 भागों में विभाजित किया गया है -- आरंभिक, मध्य तथा उत्तर पुरापाषाण युग।

  • मध्यपाषाण युग या मेसोलिथ में पर्यावरणीय बदलाव मिलते हैं। इसका समय 12 हजार वर्ष पहले से 10 हजार वर्ष पहले तक माना जाता है।

  • मध्यपाषाण युग के पत्थर के औज़ार छोटे होते थे जिस कारण से उन्हें लघुपाषाण या माइक्रोलिथ कहा जाता है।

  • नवपाषाण युग की शुरूआत लगभग 10 हजार वर्ष पहले से हुई मानी जाती है।

  • आरंभिक लोगों ने सबसे पहले कुत्ते के जंगली पूर्वज को पालतू बनाया। कुत्ते के बाद भेड़-बकरी को पालतू बनाया गया। वे लोग जंगली जानवरों को पालतू बनाने के लिए अपने घरों के आस-पास चारा रखकर उन्हें आकर्षित करते थे।

  • कृषि के लिए सबसे पहले गेहूँ तथा जौ को अपनाया गया।

  • प्राचीन काल के एक पुरास्थल बुर्ज़होम (वर्तमान कश्मीर में) के लोग अपने घर गड्ढे के नीचे बनाते थे। ऐसे घरों को गर्तवास कहा जाता है। इनमें नीचे जाने के लिए सीढ़ियाँ बनी होती थीं।

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