आचार संहिता वे नियम होते हैं जिन्हें चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तैयार करता है।
आचार संहिता लोकसभा चुनावों के दौरान पूरे देश में तथा विधानसभा चुनावों के दौरान संबंधित राज्य या राज्यों में लागू हो जाती है।
चुनाव की तिथि घोषित होते ही आचार संहिता लागू हो जाती है और यह चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने तक (चुनाव परिणाम आने तक) लागू रहती है।
चुनाव आयोग संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत चुनाव कराता है।
आचार संहिता का पालन करना सभी राजनीतिक दलों, नेताओं आदि के लिए अनिवार्य है। इन नियमों का उल्लंघन करना दंडनीय अपराध है।
आचार संहिता के साथ जो नियम लागू होते हैं उनमें कुछ इस प्रकार हैं---
सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी नेता या राजनीतिक दल को फायदा पहुंचाने वाले काम के लिए नहीं किया जा सकता।
सरकारी गाड़ी, विमान या बंगले का इस्तेमाल चुनावी प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता।
सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास आदि नहीं किया जा सकता।
किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी, राजनेता या समर्थकों को रैली करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी।
किसी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं माँगे जा सकते।
सुबह 6 बजे से पहले और रात 10 बजे के बाद चुनावी सभा आयोजित नहीं की जा सकती।
मतदान वाले दिन से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार रोक दिया जाता है।
आचार संहिता लागू होने पर लगने वाले प्रतिबंध---
सरकार के होर्डिंग्स, विज्ञापन आदि के बोर्ड हटा दिये जाते हैं।
प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जैसे- समाचार पत्र, टीवी आदि में सरकारी खर्च पर विज्ञापन प्रकाशित नहीं कराया जा सकता।
चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधि अनुदान या भुगतान नहीं कर सकते।
मंत्री किसी योजना की आधारशिला नहीं रख सकते।
सरकार किसी अधिकारी या कर्मचारी का स्थानांतरण या नियुक्ति नहीं कर सकती।
मुख्यमंत्री या मंत्री सायरन वाली कार का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें