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30 नवंबर 1858 को डॉ जगदीश चंद्र बोस का जन्म ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रान्त में हुआ।
वे भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। उन्हें भौतिकी, जीवविज्ञान, वनस्पति विज्ञान और पुरातत्व का गहरा ज्ञान था।
वे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने रेडियो और सूक्ष्म तरंगों की प्रकाशिकी पर कार्य किया।
वर्ष 1917 में जगदीश चंद्र बोस को "नाइटहुड" की उपाधि से सम्मानित किया गया।
वे भारत के पहले ऐसे वैज्ञानिक थे जिन्होंने अमेरिकन पेटेंट प्राप्त किया।
उन्हें "विज्ञान कथा साहित्य" का पिता भी माना जाता है।
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30 नवंबर 1888 को पंडित गेंदालाल दीक्षित का जन्म आगरा (उत्तर प्रदेश) में हुआ।
वे क्रांतिकारियों के बीच 'मास्साब' के नाम से जाने जाते थे।
क्रांतिवीर गेंदालाल ने ना सिर्फ सैकड़ों छात्रों और नवयुवकों को स्वतंत्रता की लड़ाई से जोड़ा बल्कि बीहड़ के दस्यु सरदारों में राष्ट्रीय भावना जगाकर उन्हें आज़ादी की लड़ाई के लिए प्रेरित किया।
राष्ट्रप्रेम की दीक्षा और हथियार चलाने की शिक्षा देने के नाते उन्हें "क्रांतिकारियों का द्रोणाचार्य" भी कहा जाता है।
इतिहास में उनकी पहचान "मैनपुरी षड्यंत्र केस" के सूत्रधार के रूप में होती है।
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30 नवंबर 1965 को दिल्ली में "शंकर अंतरराष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय" की स्थापना हुई।
इसकी स्थापना मशहूर कार्टूनिस्ट के. शंकर पिल्लई ने की।
के. शंकर पिल्लई को भारत में राजनीतिक कार्टूनिंग के पिता के रूप में पहचाना जाता है।
इस संग्रहालय में विविध परिधानों में सजी गुड़ियों का संग्रह विश्व के सबसे बड़े संग्रहों में से एक है।
यह संग्रहालय दिल्ली के चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट भवन में स्थित है।
इस संग्रहालय का नाम "गुड़िया घर" भी है।
यह संग्रहालय 2 हिस्सों में बँटा हुआ है। एक हिस्से में यूरोपियन देशों की गुड़िया रखी हुई हैं तथा दूसरे हिस्से में एशियाई देशों, मध्यपूर्व, अफ्रीका और भारत की गुड़िया प्रदर्शित की गई हैं।
संग्रहालय की शुरुआत के समय इसमें 1000 गुड़िया थीं।
वर्तमान में इस संग्रहालय में 85 देशों की लगभग 6000 गुड़ियों का संग्रह है।