27 दिसंबर का इतिहास | आज का इतिहास: 27 दिसंबर | लांस नायक अल्बर्ट एक्का कौन थे | अल्बर्ट एक्का | अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष | 27 December History in Hindi

  • 27 दिसंबर 1942 को लांस नायक अल्बर्ट एक्का का जन्म झारखंड के गुमला जिले में हुआ। वे एक वीर भारतीय सैनिक थे।

  • 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अल्बर्ट एक्का ने शौर्य, वीरता और अपने सैनिक हुनर का प्रदर्शन करते हुए अपनी सैनिक टुकड़ी की रक्षा की।

  • गोलियों से छलनी होने के बाद भी अल्बर्ट एक्का ने हार नहीं मानी और दुश्मन को पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर अपने शौर्य का परिचय दिया।

  • लांस नायक अल्बर्ट एक्का को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च सैन्य सम्मान "परमवीर चक्र" से सम्मानित किया गया।

  • 27 दिसंबर 1911 को कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में पहली बार राष्ट्रगान गाया गया।

  • राष्ट्रगान को सरला देवी ने गाया। वह रविंद्रनाथ टैगोर की भांजी थीं।

  • राष्ट्रगान की रचना राष्ट्रकवि रविंद्रनाथ टैगोर ने की थी।

  • वर्ष 1950 में संविधान सभा ने राष्ट्रगान को स्वतंत्र भारत का आधिकारिक राष्ट्रगान घोषित किया।

  • राष्ट्रगान को रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा 1911 में लिखित एक कविता से लिया गया है।

  • 27 दिसंबर 1945 को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना हुई।

  • यह एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है। यह अपने सदस्य राष्ट्रों की वैश्विक आर्थिक स्थिति पर नजर रखती है।

  • अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में स्थित है।

  • दुनिया के 44 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा अमेरिका के ब्रेटन वुड्स में एक बैठक की गई। इस बैठक में अंतरराष्ट्रीय आर्थिक समझौते की रूपरेखा तैयार की गई।

  • अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का काम अपने सदस्य देशों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करना है।

  • 27 दिसंबर 1960 को फ्रांस ने अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान में अपना तीसरा परमाणु परीक्षण किया।

  • इससे पहले फ्रांस ने फरवरी और अप्रैल महीने में भी 2 परीक्षण किए।

  • जापान ने फ्रांस के इस परमाणु परीक्षण की निंदा की। जापान ने इससे पहले अमेरिका, ब्रिटेन और सोवियत संघ द्वारा किए गए परमाणु परीक्षण का भी विरोध किया था।

  • रूस के अनुसार भी फ्रांस का यह कदम संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निशस्त्रीकरण के प्रयासों के विपरीत था।

  • इन परीक्षणों के बाद फ्रांस अपने शक्तिशाली परमाणु प्रक्षेपास्त्र का विकास करने के करीब पहुंच गया।

26 दिसंबर का इतिहास | 26 दिसंबर से जुड़ा भारतीय इतिहास | 26 दिसंबर वीर बाल दिवस | सरदार ऊधम सिंह | 26 December Special Day in India

 

  • 26 दिसंबर 1705 को गुरु गोविंद सिंह जी के दो साहिबजादे शहीद हुए।

  • साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह को वजीर खान ने सरहिंद में दीवार में जिंदा चिनवा दिया था।

  • जनवरी 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर दोनों साहिबजादों की शहादत को 26 दिसंबर के दिन "वीर बाल दिवस" के रूप में मनाने की घोषणा की।

  • 26 दिसंबर 1899 को महान स्वतंत्रता सेनानी सरदार उधम सिंह जी का जन्म पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गांव में हुआ।

  • सरदार उधम सिंह का बचपन का नाम शेर सिंह था।

  • 13 अप्रैल 1919 को हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड के कारण युवा सरदार उधम सिंह इतने क्रोधित हुए कि उन्होंने रेजीनाल्ड डायर और पंजाब के तत्कालीन गवर्नर माइकल ओ डायर को मारने की प्रतिज्ञा कर ली। इन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड में सिपाहियों को गोली चलाने का आदेश दिया था।

  • अलग-अलग देशों की यात्रा के बाद सरदार उधम सिंह साल 1934 में इंग्लैंड पहुंचे।

  • 13 मार्च 1940 को सरदार उधम सिंह को लंदन के कैक्सटन हॉल में अपना बदला लेने का मौका मिला।

  • उस समय वहां रॉयल सेंट्रल एशियन सोसायटी और ईस्ट इंडिया एसोसिएशन की बैठक चल रही थी।

  • उन्होंने अपनी रिवाल्वर एक डायरी में छुपा रखी थी और डायरी में छुपाई हुई इस रिवाल्वर से माइकल ओ डायर पर 5 गोलियां चलाईं। माइकल ओ डायर की मौके पर ही मौत हो गई।

  • अपना बदला पूरा करने के लिए सरदार उधम सिंह ने पूरे 21 साल तक प्रतीक्षा की। इस समय तक जलियांवाला बाग हत्याकांड के लिए जिम्मेदार दूसरे अफसर कर्नल रेजीनाल्ड डायर की मौत हो चुकी थी।

  • इस घटना को अंजाम देने के बाद सरदार उधम सिंह वहां से भागे नहीं और खुद को गिरफ्तार करवा दिया।

  • बाद में उन पर मुकदमा चला और उन्हें फांसी की सजा दी गई।

25 दिसंबर का इतिहास | आज का इतिहास: 25 दिसंबर | सुशासन दिवस | सुशासन दिवस कब मनाया जाता है | 25 December History | Good Governance Day

  • 25 दिसंबर 1861 को महामना पंडित मदन मोहन मालवीय का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ।

  • उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

  • वे भारत के ऐसे पहले और अंतिम व्यक्ति थे जिन्हें महामना की उपाधि से सम्मानित किया गया था।

  • उन्होंने अपना जीवन पत्रकारिता, वकालत, समाज सुधार,मातृभाषा और भारत माता की सेवा में समर्पित किया।

  • भारत सरकार ने उनकी स्मृति में 2011 में डाक टिकट भी जारी किया।

  • 2015 में उन्हें भारत सरकार द्वारा "भारत रत्न" से सम्मानित किया गया।

  • 25 दिसंबर 2014 से भारत में "सुशासन दिवस" मनाने की शुरुआत हुई।

  • यह दिवस पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष मनाया जाता है।

  • अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। वे भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय नेताओं में से एक थे।

  • वर्ष 2015 में उन्हें भारत सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित किया।

  • सरकार में जवाबदेही तय करने के लिए भारत के लोगों के बीच जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सुशासन दिवस की शुरुआत की गई।

  • उन्होंने विदेश मंत्री के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए अपना भाषण हिन्दी में देकर भारत को गौरान्वित अनुभव कराया। उनके भाषण के बाद संयुक्त राष्ट्र का सभागार तालियों से गूँज उठा।

24 दिसम्बर का इतिहास | भारत और विश्व में 24 दिसंबर का महत्व | राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस | 24 December in History | National Consumer Day

 

  • 24 दिसंबर 1814 को संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन के बीच "गेन्ट संधि" हुई।

  • यह एक शांति संधि थी जिसके द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन के बीच वर्ष 1812 से जारी युद्ध समाप्त हुआ।

  • दोनों पक्षों ने आज ही के दिन बेल्जियम के गेन्ट शहर में इस संधि पर हस्ताक्षर किए।

  • बाद में यह संधि ब्रिटिश संसद में पारित हुई और प्रिंस रीजेंट ने इस कानून पर हस्ताक्षर किए।

  • 24 दिसंबर वर्ष 2000 को भारत में पहली बार "राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस" मनाने की शुरुआत हुई।

  • उपभोक्ताओं को शोषण से बचाने के लिए 24 दिसंबर 1986 को "उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986" लागू किया गया।

  • उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और उनके अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने यह अधिनियम बनाया था।

  • 24 दिसंबर 2014 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई और पंडित मदन मोहन मालवीय को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई।

  • पंडित मदन मोहन मालवीय एक स्वतंत्रता सेनानी  होने के साथ-साथ बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के मुख्य संस्थापकों में से एक थे।

  • अटल बिहारी वाजपेई जी को भारत के चुनिंदा करिश्माई नेताओं में से एक माना जाता है।

  • वाजपेई जी को हिंदी भाषा से गहरा लगाव था और उन्हें भारतीय होने पर गर्व था। उन्होंने 1977 में संयुक्त राष्ट्र संघ में अपना पहला भाषण हिंदी में दिया था।

  • यह पहली बार था जब संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत और हिंदी भाषा का मान बढ़ा था।

23 दिसंबर का इतिहास | आज का इतिहास: 23 दिसंबर | राष्ट्रीय किसान दिवस | किसान दिवस कब मनाया जाता है | Farmer's Day | 23 December in History

 

  • 23 दिसंबर 2001 से भारत में "राष्ट्रीय किसान दिवस" (या "किसान दिवस") मनाने की शुरुआत हुई।

  • इस दिवस को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में देशभर में किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

  • चौधरी चरण सिंह का जन्म वर्ष 1902 में उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ जिले में हुआ था।

  • भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने किसानों की स्थिति और जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए कई नीतियों की शुरुआत की।

  • वे ऐसे किसान नेता थे जिन्होंने संसद में किसानों के विभिन्न मुद्दे उठाये।

  • इस दिवस के मौके पर लोगों को कृषि के प्रति शिक्षित करने और जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न समारोह, सेमिनार, विभिन्न प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों को आयोजित किया जाता है।

  • 23 दिसंबर 1899 को रामवृक्ष बेनीपुरी का जन्म बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बेनीपुर गाँव में हुआ।

  • वे हिंदी साहित्य के "शुक्लोत्तर युग" के प्रसिद्ध साहित्यकार थे।

  • वे भारत के एक महान विचारक, चिंतक, क्रांतिकारी साहित्यकार और पत्रकार थे।

  • रामवृक्ष बेनीपुरी राष्ट्रवादी और स्वतंत्रता संबंधी कार्यों में शामिल रहे।

  • वे साल 1920 में महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन में भी शामिल हुए।

  • भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक सक्रिय सेनानी के रूप में उन्होंने 8 वर्ष जेल में बिताये।

  • उन्होंने कई समाचार पत्र भी निकाले जिनमें "युवक" का नाम मुख्य रूप से आता है।

22 दिसंबर का इतिहास | आज का इतिहास 22 दिसंबर | भारत की पहली रेलवे लाइन | भारत की पहली रेल कहाँ चली थी | क्या मुंबई से थाणे भारत की पहली रेल नहीं थी | रामानुजन का जन्म कब और कहाँ हुआ था

  • 22 दिसंबर 1851 को ब्रिटिश काल में बनी भारत की पहली रेलवे लाइन और भाप के इंजन का सर्वप्रथम उपयोग किया गया।

  • इस रेल ने उत्तराखंड में रुड़की से पिरान कलियर के बीच 5 किलोमीटर का सफर तय किया।

  • इस रेल की रफ्तार 6.4 किलोमीटर प्रति घंटा थी।

  • हालांकि इसका सार्वजनिक क्षेत्र में उपयोग न होने के कारण देश की पहली रेल सेवा मुंबई से थाणे को ही माना जाता है।

  • मुंबई से थाणे के बीच यह एक पैसेंजर ट्रेन थी जो अप्रैल 1853 में चली थी।

  • 22 दिसंबर 1887 को श्रीनिवास अयंगर रामानुजन का जन्म तमिलनाडु के इरोड में हुआ।

  • वे एक महान भारतीय गणितज्ञ थे। उनका नाम आधुनिक काल के विश्व के महानतम गणितज्ञों में शामिल किया जाता है।

  • उन्होंने मात्र 32 वर्ष के जीवन काल में दुनिया को गणित के अनेक सूत्र और सिद्धांत दिए।

  • उनके सूत्रों को हाल ही में क्रिस्टल विज्ञान में प्रयोग किया गया।

  • रामानुजन की जयंती पर प्रतिवर्ष राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है।

  • 22 दिसंबर 2010 को अमेरिकी सेना में समलैंगिकों की सेवाओं को कानूनी मान्यता प्राप्त हुई।

  • तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सेना में समलैंगिकों की सेवा के संबंध में कानून "don't ask don't tell" को निरस्त करने के लिए नये कानून पर  हस्ताक्षर किए।

  • इसके पहले साल 1993 में लागू हुए "डोंट आस्क डोंट टेल" कानून के चलते समलैंगिक सैनिकों को अपनी लैंगिकता छिपाने के लिए मजबूर होना पड़ता था। उनके समलैंगिक होने की बात सामने आने पर उन्हें सेना से निकाल दिया जाता था।

21 दिसंबर का इतिहास | भारत और विश्व के इतिहास में 21 दिसंबर | रेडियम की खोज कब और किसने की | INS सातवाहन को भारतीय नौसेना में कब शामिल किया गया | 21 December in History

 

  • 21 दिसंबर 1898 को रेडियम की खोज हुई। रेडियम को अंधेरे में उजाला फैलाने वाला माना जाता है।

  • रेडियम की खोज मैडम क्यूरी ने अपने पति पियरे क्यूरी के साथ मिलकर की।

  • मैडम क्यूरी ने खनिज का अध्ययन किया और उससे यूरेनियम को अलग किया। बाकी बचे हिस्से को उन्होंने रेडियम का नाम दिया।

  • उनकी इस खोज से चिकित्सा के क्षेत्र में व्यापक बदलाव हुए और एक नई क्रांति हुई।

  • रेडियम का इस्तेमाल कैंसर की दवाइयों में किया जाता है।

  • 21 दिसंबर 1968 को मानव ने अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा।

  • इसी दिन अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपोलो-8 यान को चंद्रमा की कक्षा में भेजा।

  • इस यान को फ्लोरिडा के केप कैनेडी सेंटर से सैटर्न वी रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।

  • ऐसा अंतरिक्ष के इतिहास में पहली बार हुआ था जब तीन अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की कक्षा से दूर चंद्रमा की कक्षा में भेजा गया था।

  • इन 3 अंतरिक्ष यात्रियों के नाम थे— जेम्स ए लॉवेल, विलियम एंडर्स और फ्रैंक बोर्मन।

  • 21 दिसंबर वर्ष 1974 को आईएनएस सातवाहन को भारत के जहाजी बेड़े में शामिल किया गया।

  • आईएनएस सातवाहन पनडुब्बी प्रशिक्षण देने वाला भारत का पहला पोत है।

  • इसका नाम सातवाहन राजवंश के नाम पर रखा गया है। सातवाहन राजवंश ने प्राचीन काल में प्रायद्वीपीय भारत के पूर्वी तट पर शासन किया था।

  • साल 1986 में आईएनएस सातवाहन को एक विशेष पनडुब्बी प्रशिक्षण निर्माण में बदलने का निर्णय लिया गया।

  • वर्तमान में आईएनएस सातवाहन भारतीय नौसेना का एक प्रमुख पनडुब्बी प्रशिक्षण प्रतिष्ठान है।

20 दिसंबर का इतिहास क्या है | सोहन सिंह भाखना कौन थे | अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस | 20 December History India and World | 20 December in History

 

  • 20 दिसंबर 1968 को सोहन सिंह भकना(भाखना) का निधन हुआ।

  • वे भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले महान क्रांतिकारियों में से एक थे।

  • सोहन सिंह भकना "गदर पार्टी" के प्रमुख नेताओं में से एक थे। गदर पार्टी की स्थापना अमेरिका में लाला हरदयाल ने की थी।

  • लाला हरदयाल ने अमेरिका में "पैसिफिक कोस्ट हिंदी एसोसिएशन" नाम की एक संस्था बनाई। इस संस्था का अध्यक्ष सोहन सिंह भकना को बनाया गया।

  • 20 दिसंबर वर्ष 2005 से संयुक्त राष्ट्र द्वारा "अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस" मनाने की शुरुआत की गई।

  • यह दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को विविधता में एकता का महत्व बताते हुए जागरुकता फैलाना है।

  • दुनिया के विभिन्न देशों द्वारा इस दिन अपनी जनता के बीच शांति, भाईचारा, सौहार्द, प्रेम और एकता बढ़ाने की दिशा में संदेश का प्रसार किया जाता है।

  • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार एकजुटता उन बुनियादी मूल्यों में से है जो अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए अति आवश्यक है।

19 दिसंबर का इतिहास | आज का इतिहास | 19 दिसंबर का इतिहास क्या है | गोवा मुक्ति दिवस | गोवा मुक्ति दिवस कब और क्यों मनाया जाता है

 

  • 19 दिसंबर 1961 को गोवा पुर्तगाली शासन से मुक्त हुआ।

  • गोवा की आजादी के इस दिन यानी 19 दिसंबर को "गोवा मुक्ति दिवस" के रूप में मनाया जाता है।

  • भारतीय सेना ने गोवा, दमन और दीव पर आक्रमण कर इस क्षेत्र को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराया। इस प्रकार लगभग 450 वर्षों के बाद गोवा पुर्तगाली शासन से आजाद हुआ।

  • इस अभियान को "ऑपरेशन विजय" नाम दिया गया। यह युद्ध लगभग 36 घंटे तक चला और अंत में भारतीय सेना ने पुर्तगाल के अधीन रहे इस क्षेत्र को भारतीय सीमा में मिला लिया।

  • इस अभियान के परिणाम स्वरूप गोवा, दमन और दीव भारत का एक केंद्र शासित क्षेत्र बना। बाद में 30 मई 1987 को इस क्षेत्र को विभाजित कर गोवा को अलग कर भारत का 25 वां राज्य बना दिया गया। दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश बने रहे।

  • 19 दिसंबर 1925 को "काकोरी ट्रेन एक्शन" के चार क्रान्तिवीरों में से 3 शहीद हुए। यह तीन क्रांतिकारी थे राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला ख़ाँ और रोशन सिंह।

  • काकोरी ट्रेन एक्शन में 4 क्रांतिकारियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी। 

  • चौथे क्रांतिकारी राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को उनके उग्र स्वभाव के चलते डर के कारण अंग्रेजी हुकूमत ने 2 दिन पहले ही फांसी दे दी थी।

  • अगस्त 1925 में हुए 'काकोरी ट्रेन एक्शन' में इन क्रांतिकारियों ने सरकारी खजाना लूट कर जनता को यह संदेश दिया था कि क्रांतिकारी जनता के नहीं बल्कि ब्रिटिश सरकार के विरोधी हैं।

गोवा मुक्ति दिवस | गोवा मुक्ति दिवस कब मनाया जाता है | गोवा कब आजाद हुआ | गोवा मुक्ति आंदोलन | Goa Liberation Day | Operation Vijay

  • प्रतिवर्ष 19 दिसंबर को "गोवा मुक्ति दिवस"(Goa Liberation Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस राज्यभर में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है।

  • इस दिन गोवा प्रदेशवासी राज्य के इतिहास और विकास यात्रा जैसे— पर्यटन और समृद्धि आदि का उत्सव मनाते हैं।

  • भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के समय (यानी 15 अगस्त 1947 को) गोआ पर पुर्तगाल का शासन था। 15 अगस्त 1947 को भारत को औपनिवेशिक शासन से आजादी तो मिल गई थी लेकिन तब भी गोवा पुर्तगाल के अधीन ही रहा था।

  • गोवा की आजादी के लिए भारत और पुर्तगाल के बीच कई समझौते हुए लेकिन सभी विफल रहे। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सेना के हस्तक्षेप से गोवा को मुक्त कराने का आदेश दिया।

  • वर्ष 1961 में भारतीय सेना ने "ऑपरेशन विजय" नामक अभियान चलाकर गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराया।

  • यह दिवस भारतीय सेना की उसी विजय की याद में मनाया जाता है।

  • भारतीय सेना के आगे पुर्तगाली गवर्नर जनरल 'मैनुअल एंटोनियो वासालो-ए सिल्वा' ने आत्मसमर्पण कर दिया था।

  • 19 दिसंबर की सुबह मेजर जनरल कैंडैथ ने सचिवालय के सामने भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया।

  • आखिरकार गोवा को भारतीय संघ में मिला लिया गया और दमन व दीव के साथ गोवा भारत का एक केंद्रशासित प्रदेश बन गया।

18 दिसंबर का इतिहास | 18 दिसंबर का इतिहास भारत और विश्व में | ऑपरेशन विजय क्या था | गोआ कब आज़ाद हुआ | 18 December in Indian History

 

  • 18 दिसंबर 1961 को भारतीय सेना ने गोवा तथा दमन और दीव पर आक्रमण कर उन्हें पुर्तगाली शासन से मुक्त कराया। इससे पहले तक यह क्षेत्र पुर्तगाली शासन के अधीन थे।

  • लगभग 450 सालों के बाद गोवा पुर्तगाली शासन से स्वतंत्र हुआ। गोवा को मुक्त कराने के इस अभियान को "ऑपरेशन विजय" नाम दिया गया।

  • लगभग 36 घंटे तक यह युद्ध चला जो तीनों ओर से था— थल, जल तथा वायु। अंततः भारतीय सेना ने पुर्तगाल से यह क्षेत्र छीनकर अपनी सीमा में मिला लिया।

  • इसके बाद गोवा, दमन और दीव भारत का केंद्र शासित क्षेत्र बना।

  • 30 मई 1987 को इस केंद्र शासित क्षेत्र को दो भागों में विभाजित किया गया। गोवा को भारत का 25 वां राज्य बना दिया गया जबकि दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश ही रहे।

  • 18 दिसंबर साल 2000 से अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस मनाने की शुरुआत हुई।

  • 18 दिसंबर 1990 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सभी प्रवासी कामगारों के अधिकारों और उनके पारिवारिक सदस्यों के अधिकारों के संरक्षण पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को अपनाया।

  • 4 दिसंबर 2000 को संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया भर में प्रवासियों की बढ़ती संख्या को मान्यता प्रदान की।

  • यह दिवस शरणार्थियों और प्रवासियों की सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

  • इसका उद्देश्य लोगों को यह शिक्षा देना है कि  प्रवासी का सम्मान के साथ व्यवहार करना मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है।

  • 18 दिसंबर 2014 को जीएसएलवी मार्क-3 ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से अपनी पहली उड़ान भरी।

  • यह इसरो द्वारा बनाया गया तीन चरणों वाला भारी वाहक प्रमोचक रॉकेट है।

  • इसके साथ ही इसरो ने अपने अब तक के सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 को प्रक्षेपित किया।

  • इस प्रक्षेपण का उद्देश्य था— इनसेट-4 जैसे भारी संचार उपग्रहों के प्रक्षेपण में भारत को आत्मनिर्भर बनाना।

17 दिसंबर का इतिहास | भारत के इतिहास में 17 दिसंबर का महत्व | भारतीय सांख्यिकी संस्थान की स्थापना कब और किसने की | काकोरी कांड

 

  • 17 दिसंबर 1927 को महान क्रांतिकारी राजेंद्र नाथ लाहिड़ी शहीद हुए।

  • राजेंद्र नाथ लाहिड़ी का काकोरी कांड में महत्वपूर्ण योगदान रहा। काकोरी कांड का नाम बदलकर अब 'काकोरी ट्रेन एक्शन' हो गया है।

  • इस महत्वपूर्ण घटना में शामिल चार क्रान्तिवीरों को मृत्युदंड दिया गया था। ये 4 क्रांतिकारी थे— राजेंद्र नाथ लाहिड़ी, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ और रोशन सिंह।

  • राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला ख़ाँ और रोशन सिंह को 19 दिसंबर को फांसी दी गई जबकि राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को अंग्रेजी हुकूमत ने डर के कारण 2 दिन पहले ही गोंडा कारागार में फांसी दे दी।

  • 17 दिसंबर 1928 को क्रांतिकारियों ने सांडर्स की गोली मारकर हत्या कर दी।

  • वर्ष 1928 में साइमन कमीशन का विरोध करते हुए प्रदर्शन के दौरान लाला लाजपत राय लाठीचार्ज में बुरी तरह घायल हुए और अंततः 17 नवंबर 1928 को वे शहीद हो गए।

  • चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु सहित अन्य क्रांतिकारियों ने "पंजाब केसरी" के नाम से प्रसिद्ध लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने का निश्चय किया।

  • 1 महीने बाद ही लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार ब्रिटिश पुलिस अधिकारी साण्डर्स की गोली मारकर हत्या कर अपने प्रिय नेता जी लाला लाजपत राय की मौत का बदला ले लिया।

  • 17 दिसंबर 1931 को कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान की स्थापना हुई।

  • भारतीय सांख्यिकी संस्थान की स्थापना प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस ने की थी। यह एक शोध संस्थान और विश्वविद्यालय है।

  • इसका कार्य सांख्यिकी में शिक्षण, सांख्यिकी में अनुसंधान और अन्य वैज्ञानिक व सामाजिक विधाओं में सांख्यिकी का अनुप्रयोग करना है।

  • वर्ष 1959 में भारतीय सांख्यिकी संस्थान को भारतीय संसद के एक अधिनियम द्वारा "राष्ट्रीय महत्व के संस्थान" का दर्जा दे दिया गया।

16 दिसंबर का इतिहास भारत और विश्व में | आज का इतिहास 16 दिसंबर | विजय दिवस कब मनाया जाता है | 1971 Indo-Pak War

 

  • 16 दिसंबर 1971 से भारत में विजय दिवस मनाने की शुरुआत हुई।

  • 3 दिसंबर 1971 को भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरा युद्ध हुआ। इस युद्ध में भारत को विजय मिली और पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा।

  • इस युद्ध का परिणाम यह निकला कि पूर्वी पाकिस्तान आजाद होकर बांग्लादेश के रूप में एक नया देश बना।

  • इस युद्ध का आरंभ तब हुआ जब पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना के 11 स्टेशनों पर हवाई हमले किए।

  • यह युद्ध 13 दिन चला और 16 दिसंबर को पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

  • इस युद्ध में लगभग 90000 पाकिस्तानी सैनिक भारतीय सेना द्वारा युद्ध बंदी बनाए गए।

  • 16 दिसंबर 1991 को कजाखस्तान सोवियत संघ से स्वतंत्र हुआ।

  • यह यूरेशिया में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी नूरसुल्तान है।

  • कजाखस्तान क्षेत्रफल के आधार पर दुनिया का 9वां सबसे बड़ा देश है।

  • जब 1991 में सोवियत संघ का विघटन हुआ था, तब कजाखस्तान ने अपने आप को सबसे अंत में स्वतंत्र घोषित किया था।

  • 16 दिसंबर 1971 को शहीद सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल का निधन हुआ।

  • वे 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अद्भुत वीरता का परिचय देते हुए मात्र 19 वर्ष की आयु में शहीद हुए।

  • अरुण खेत्रपाल को "बसंतर के युद्ध" का योद्धा भी कहा जाता है।

  • अरुण खेत्रपाल अकेले ऐसे योद्धा थे जिन्होंने दुश्मन के 10 टैंकों को तबाह कर दिया था।

  • अरुण खेत्रपाल को मरणोपरांत भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च सैन्य सम्मान 'परमवीर चक्र' से सम्मानित किया गया।

9 सितंबर का इतिहास | आज का इतिहास: 9 सितंबर | कैप्टन विक्रम बत्रा | 9 September History in Hindi | Captain Vikram Batra Kaun The

  9 सितंबर 1974 को कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म हिमाचल प्रदेश के पालमपुर जिले में हुआ था। कैप्टन विक्रम बत्रा ने कारगिल युद्ध में अद्भुत शौर्...