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17 दिसंबर 1927 को महान क्रांतिकारी राजेंद्र नाथ लाहिड़ी शहीद हुए।
राजेंद्र नाथ लाहिड़ी का काकोरी कांड में महत्वपूर्ण योगदान रहा। काकोरी कांड का नाम बदलकर अब 'काकोरी ट्रेन एक्शन' हो गया है।
इस महत्वपूर्ण घटना में शामिल चार क्रान्तिवीरों को मृत्युदंड दिया गया था। ये 4 क्रांतिकारी थे— राजेंद्र नाथ लाहिड़ी, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ और रोशन सिंह।
राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला ख़ाँ और रोशन सिंह को 19 दिसंबर को फांसी दी गई जबकि राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को अंग्रेजी हुकूमत ने डर के कारण 2 दिन पहले ही गोंडा कारागार में फांसी दे दी।
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17 दिसंबर 1928 को क्रांतिकारियों ने सांडर्स की गोली मारकर हत्या कर दी।
वर्ष 1928 में साइमन कमीशन का विरोध करते हुए प्रदर्शन के दौरान लाला लाजपत राय लाठीचार्ज में बुरी तरह घायल हुए और अंततः 17 नवंबर 1928 को वे शहीद हो गए।
चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु सहित अन्य क्रांतिकारियों ने "पंजाब केसरी" के नाम से प्रसिद्ध लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने का निश्चय किया।
1 महीने बाद ही लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार ब्रिटिश पुलिस अधिकारी साण्डर्स की गोली मारकर हत्या कर अपने प्रिय नेता जी लाला लाजपत राय की मौत का बदला ले लिया।
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17 दिसंबर 1931 को कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान की स्थापना हुई।
भारतीय सांख्यिकी संस्थान की स्थापना प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस ने की थी। यह एक शोध संस्थान और विश्वविद्यालय है।
इसका कार्य सांख्यिकी में शिक्षण, सांख्यिकी में अनुसंधान और अन्य वैज्ञानिक व सामाजिक विधाओं में सांख्यिकी का अनुप्रयोग करना है।
वर्ष 1959 में भारतीय सांख्यिकी संस्थान को भारतीय संसद के एक अधिनियम द्वारा "राष्ट्रीय महत्व के संस्थान" का दर्जा दे दिया गया।
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