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18 दिसंबर 1961 को भारतीय सेना ने गोवा तथा दमन और दीव पर आक्रमण कर उन्हें पुर्तगाली शासन से मुक्त कराया। इससे पहले तक यह क्षेत्र पुर्तगाली शासन के अधीन थे।
लगभग 450 सालों के बाद गोवा पुर्तगाली शासन से स्वतंत्र हुआ। गोवा को मुक्त कराने के इस अभियान को "ऑपरेशन विजय" नाम दिया गया।
लगभग 36 घंटे तक यह युद्ध चला जो तीनों ओर से था— थल, जल तथा वायु। अंततः भारतीय सेना ने पुर्तगाल से यह क्षेत्र छीनकर अपनी सीमा में मिला लिया।
इसके बाद गोवा, दमन और दीव भारत का केंद्र शासित क्षेत्र बना।
30 मई 1987 को इस केंद्र शासित क्षेत्र को दो भागों में विभाजित किया गया। गोवा को भारत का 25 वां राज्य बना दिया गया जबकि दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश ही रहे।
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18 दिसंबर साल 2000 से अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस मनाने की शुरुआत हुई।
18 दिसंबर 1990 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सभी प्रवासी कामगारों के अधिकारों और उनके पारिवारिक सदस्यों के अधिकारों के संरक्षण पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को अपनाया।
4 दिसंबर 2000 को संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया भर में प्रवासियों की बढ़ती संख्या को मान्यता प्रदान की।
यह दिवस शरणार्थियों और प्रवासियों की सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
इसका उद्देश्य लोगों को यह शिक्षा देना है कि प्रवासी का सम्मान के साथ व्यवहार करना मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है।
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18 दिसंबर 2014 को जीएसएलवी मार्क-3 ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से अपनी पहली उड़ान भरी।
यह इसरो द्वारा बनाया गया तीन चरणों वाला भारी वाहक प्रमोचक रॉकेट है।
इसके साथ ही इसरो ने अपने अब तक के सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 को प्रक्षेपित किया।
इस प्रक्षेपण का उद्देश्य था— इनसेट-4 जैसे भारी संचार उपग्रहों के प्रक्षेपण में भारत को आत्मनिर्भर बनाना।
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