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3 दिसंबर 1889 को पश्चिम बंगाल में मिदनापुर जिले के हबीबपुर गाँव में खुदीराम बोस का जन्म हुआ था।
वे देश के महान क्रांतिकारियों में से एक थे।
स्कूल छोड़ने के बाद खुदीराम रेवोल्यूशनरी पार्टी के सदस्य बने।
वर्ष 1905 में बंगाल विभाजन के दौरान स्वतंत्रता आंदोलन में वे एक सक्रिय स्वयंसेवक बन गए।
वे मात्र 15 वर्ष की आयु में पहली बार, ब्रिटिश प्रशासन के खिलाफ पर्चे बाँटने के आरोप में, गिरफ्तार किए गए।
"युगान्तर" नाम की क्रांतिकारियों की गुप्त संस्था के माध्यम से खुदीराम बोस क्रांतिकारी गतिविधियों से पहले से ही जुड़े हुए थे।
11 अगस्त 1908 को उन्हें मुजफ्फरपुर जेल में फाँसी दे दी गई।
भारत की स्वतंत्रता के लिए मात्र 19 वर्ष की उम्र में खुदीराम बोस हाथ में 'गीता' लेकर फाँसी पर चढ़ गए।
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3 दिसंबर 1884 को डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्म बिहार राज्य के सीवान में हुआ।
वे भारत के प्रथम राष्ट्रपति और एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे।
वे 'राजेंद्र बाबू' के नाम से प्रसिद्ध थे।
वे 2 बार भारत के राष्ट्रपति बने। ऐसा करने वाले वे एकमात्र राष्ट्रपति थे।
उन्होंने भारत के संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
उन्होंने 12 वर्षों से अधिक समय तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। 1962 में उन्होंने अपने अवकाश की घोषणा की।
अवकाश लेने के बाद उन्हें भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान "भारत रत्न" से नवाजा गया।
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3 दिसंबर 1971 को भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरा युद्ध हुआ। इस युद्ध में पाकिस्तान को बड़ी हार मिली।
इस युद्ध के परिणामस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान आजाद होकर "बांग्लादेश" के रूप में एक नया देश बना।
युद्ध का आरंभ पाकिस्तान द्वारा हुआ जब उसने भारतीय वायुसेना के 11 स्टेशनों पर हवाई हमले किए।
लगभग 90000 पाकिस्तानी सैनिकों को भारतीय सेना ने युद्धबंदी बनाया।
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