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5 दिसंबर 1950 को अरविंदो घोष का निधन हुआ।
वे भारत के महान क्रांतिकारी, कवि और योगी थे।
वे एक सच्चे राष्ट्रवादी भारतीय थे। उन्होंने आध्यात्मिक विकास के माध्यम से भारतीय समाज को सार्वभौमिक मोक्ष का दर्शन दिया।
श्री अरविंदो घोष ने संस्कृति, राष्ट्रवाद, राजनीति, समाजवाद और साहित्य में विशेष योगदान दिया।
उनकी मुख्य साहित्यिक रचनाएँ हैं— Essays on the Geeta, The Life Divine।
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5 दिसंबर 2013 को नेल्सन मंडेला का निधन हुआ। वे दुनिया के बेहतरीन राजनेताओं में शामिल किये जाते हैं।
नेल्सन मंडेला ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ एक लंबा संघर्ष किया था।
उन्हें 1964 में राजद्रोह और साजिश के लिए उम्र कैद की सजा सुनाई गई।
नेल्सन मंडेला को वर्ष 1990 में 27 सालों के बाद कैद से रिहाई मिली।
वर्ष 1994 में नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के 'पहले अश्वेत राष्ट्रपति' बने।
शांति के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए नेल्सन मंडेला को वर्ष 1990 में भारत सरकार द्वारा भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया।
1993 में नेल्सन मंडेला को "नोबेल शांति पुरस्कार" भी मिला।
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5 दिसंबर 2014 से "विश्व मृदा दिवस" मनाने की शुरुआत हुई।
यह दिवस मनाने की घोषणा UNSC(संयुक्त राष्ट्र महासभा) ने वर्ष 2013 में अपने 68वें अधिवेशन में की थी।
इस दिवस को मनाने का उद्देश्य स्वस्थ मिट्टी के महत्व पर ध्यान देना और मिट्टी के संसाधनों के सतत प्रबंधन के लिए जागरूक करना है।
यह दिन मानव कल्याण, खाद्य सुरक्षा और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण मिट्टी की गुणवत्ता के महत्व की ओर ध्यान आकर्षित करता है।
विश्व मृदा दिवस 2022 की थीम है "मिट्टी: जहां भोजन शुरू होता है"।
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