31 जुलाई 1940 को सरदार उधम सिंह शहीद हुए। वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे।
उधम सिंह के बचपन का नाम शेर सिंह था।
13 अप्रैल 1919 को हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड से उधम सिंह इतने क्रोधित हुए कि उन्होंने इन घटना के लिए जिम्मेदार रेजिनाल्ड डायर और पंजाब के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ डायर को मारने की शपथ ले ली।
उधम सिंह 1934 में इंग्लैंड पहुंचे। 13 मार्च 1940 को लंदन के "कैक्सटन हॉल" में उन्हें 21 साल बाद अपना बदला लेने का मौका मिला।
यहाँ 'रॉयल सेंट्रल एशियन सोसाइटी' की बैठक हो रही थी जिसमें माइकल ओ डायर भी वक्ताओं में से एक था।
उधम सिंह ने अपनी डायरी में छिपाई हुई रिवाल्वर से माइकल ओ डायर पर 5 गोलियां चलाईं। डायर की मौके पर ही मौत हो गई।
उधम सिंह घटना के बाद वहाँ से भागे नहीं और खुद को गिरफ्तार करवा लिया।
उधम सिंह पर मुकदमा चला और उन्हें लंदन के पेंटनविल जेल में फाँसी की सजा दी गई