31 जुलाई का इतिहास | आज का इतिहास: 31 जुलाई | सरदार उधम सिंह | 31 July History | 31 July Facts | Sardar Udham Singh

 

  • 31 जुलाई 1940 को सरदार उधम सिंह शहीद हुए। वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे।

  • उधम सिंह के बचपन का नाम शेर सिंह था।

  • 13 अप्रैल 1919 को हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड से उधम सिंह इतने क्रोधित हुए कि उन्होंने इन घटना के लिए जिम्मेदार रेजिनाल्ड डायर और पंजाब के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ डायर को मारने की शपथ ले ली।

  • उधम सिंह 1934 में इंग्लैंड पहुंचे। 13 मार्च 1940 को लंदन के "कैक्सटन हॉल" में उन्हें 21 साल बाद अपना बदला लेने का मौका मिला।

  • यहाँ 'रॉयल सेंट्रल एशियन सोसाइटी' की बैठक हो रही थी जिसमें माइकल ओ डायर भी वक्ताओं में से एक था।

  • उधम सिंह ने अपनी डायरी में छिपाई हुई रिवाल्वर से माइकल ओ डायर पर 5 गोलियां चलाईं। डायर की मौके पर ही मौत हो गई।

  • उधम सिंह घटना के बाद वहाँ से भागे नहीं और खुद को गिरफ्तार करवा लिया।

  • उधम सिंह पर मुकदमा चला और उन्हें लंदन के पेंटनविल जेल में फाँसी की सजा दी गई 

30 जुलाई का इतिहास | आज का इतिहास: 30 जुलाई | इतिहास के पन्नों में | सत्येन्द्र नाथ बोस के बारे में जानकारी | छात्र भंडार क्या है | 30 July History | 30 July Facts

 

  • 30 जुलाई 1882 को सत्येंद्र नाथ बोस का जन्म पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में हुआ।

  • सत्येंद्रनाथ एक क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी थे। वे उग्र विचारों के क्रांतिकारी थे।

  • वे अरविंद घोष के प्रभाव से क्रांतिकारी आंदोलन के संपर्क में आए।

  • उन्होंने युवकों को अपने दल में शामिल करने के लिए "छात्र भंडार" नाम की एक संस्था बनाई।

  • "छात्र भंडार" का मुख्य उद्देश्य स्वदेशी का प्रचार करना था, लेकिन इस संस्था ने युवाओं को क्रांतिकारी दल से जोड़ने का कार्य किया।

  • किंग्सफोर्ड की हत्या कराने के लिए सत्येंद्रनाथ ने ही खुदीराम बोस को खोजा था।

  • किंग्सफोर्ड पर हमले की घटना के बाद अवैध तरीके से हथियार रखने के आरोप में सत्येंद्र नाथ को 2 महीने की सजा हुई और उन्हें अलीपुर जेल भेज दिया गया।

  • उन्होंने जेल के अंदर एक मुखबिर की हत्या कर की जिसके तहत बोस पर हत्या का मुकदमा चला और उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई।

  • 21 नवंबर 1908 को सत्येंद्र नाथ बोस को फांसी की सजा दी गई और वे देश के लिए शहीद हो गए।

29 जुलाई का इतिहास | आज का इतिहास: 29 जुलाई | ईश्वर चंद्र विद्यासागर | 29 July History India | 29 July in History

 

  • 29 जुलाई 1891 को ईश्वर चंद्र विद्यासागर का निधन हुआ।

  • ये प्रसिद्ध दार्शनिक, लेखक, शिक्षाविद और महान समाज सुधारक थे। उनके बचपन का नाम ईश्वर चंद्र बंद्योपाध्याय था।

  • विद्यासागर बंगाल के पुनर्जागरण के स्तंभों में से एक थे।

  • संस्कृत भाषा और दर्शन में विशेष दक्षता के लिए उन्हें विद्यासागर की उपाधि प्रदान की गई।

  • वे नारी शिक्षा के समर्थक थे। उनके प्रयासों से कई बालिका विद्यालयों की स्थापना हुई।

  • उन्होंने 1856 में विधवा-पुनर्विवाह कानून पारित करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  • 29 जुलाई 1996 को अरुणा आसफ अली का निधन हुआ।

  • वह भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं। उनका बचपन का नाम अरुणा गांगुली था।

  • उन्होंने स्कूली शिक्षा नैनीताल में प्राप्त की थी। अपने पढ़ाई पूरी करने के बाद वह शिक्षिका बन गईं और कोलकाता के गोखले मेमोरियल कॉलेज में पढ़ाने लगीं।

  • समाजवादी विचारों के चलते 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में अरुणा ने अंग्रेजों की जेल में बंद होने के बदले बाहर से लड़ने का फैसला लिया।

  • वर्ष 1975 में उन्हें शांति और सौहार्द के क्षेत्र में "लेनिन प्राइज" से सम्मानित किया गया।

  • देश के प्रति जीवन समर्पित करने वाली अरुणा को भारत सरकार ने वर्ष 1992 पद्मविभूषण से और वर्ष 1997 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया।

28 जुलाई का इतिहास | आज का इतिहास: 28 जुलाई | पहला विश्व युद्ध कब हुआ | 28 July History | 28 July Facts | First World War

 

  • 28 जुलाई 1914 को पहला विश्व युद्ध हुआ। युद्ध के दौरान पूरी दुनिया दो खेमों में बंट गई– पहला मित्र राष्ट्र और दूसरा धुरी राष्ट्र।

  • मित्र राष्ट्रों में ब्रिटेन, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और फ्रांस थे। धुरी राष्ट्रों में जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी और इटली शामिल थे।

  • जर्मनी की नई अंतरराष्ट्रीय विस्तारवादी नीति से विश्व शक्ति के रूप में उभरने के प्रयास के चलते विश्व में अंतरराष्ट्रीय स्थिति अस्थिर हो गई।

  • उस समय लगभग प्रत्येक देश अपनी मनमानी कर रहा था जिस कारण यूरोप की राजनीति में अराजक स्थिति बन गई।

  • इसी दौरान एक बड़ी घटना घटी जिसने पहले विश्वयुद्ध को जन्म दिया। जून 1914 में जब ऑस्ट्रिया के उत्तराधिकारी आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड बोस्निया में सराजेवो का दौरा कर रहे थे तब उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।

  • ऑस्ट्रिया ने इस घटना के लिए सर्बिया को जिम्मेदार ठहराया। ऑस्ट्रिया ने सर्बिया को चेतावनी दी कि 48 घंटे के अंदर इस घटना के संदर्भ में अपनी स्थिति स्पष्ट करें और अपराधियों का दमन करें।

  • सर्बिया ने ऑस्ट्रिया की मांग को ठुकरा दिया। परिणामस्वरूप 28 जुलाई 1914 को ऑस्ट्रिया ने सर्बिया के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी।

  • देखते ही देखते विश्व के अन्य राष्ट्र भी अपने-अपने गुटों के समर्थन में उतर आए और युद्ध विकराल होता चला गया। अंततः इसने पहले विश्व युद्ध का रूप ले लिया।

  • लगभग 4 साल चला यह प्रथम विश्व युद्ध नवंबर 1918 में कई संधियों के साथ समाप्त हुआ।

27 जुलाई का इतिहास | आज का इतिहास: 27 जुलाई | केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल का गठन कब हुआ | 27 July History | CRPF Raising day | Dr APJ Abdul Kalam

 

  • 27 जुलाई 1939 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का 'क्राउन प्रतिनिधि पुलिस' के रूप में गठन किया गया था।

  • दिसंबर 1949 में क्राउन प्रतिनिधि पुलिस को संसद के एक अधिनियम के द्वारा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के रूप में गठित किया गया।

  • इस बल का मुख्य उद्देश्य है कि वह संविधान को सर्वोपरि बनाए रखते हुए लोक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा को कायम रखने में सरकार को समर्थ बनाए।

  • वर्ष 1965 में गुजरात के कच्छ के रण में सरदार पोस्ट पर पाकिस्तानी सेना ने अचानक हमला कर दिया था जहाँ सीआरपीएफ की महज दो कंपनियों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए पूरे हमले को नाकाम कर दिया था।

  • इस युद्ध में सीआरपीएफ के वीर जवानों की गाथा को श्रद्धांजलि के रूप में 9 अप्रैल को हर साल "केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल वीरता दिवस" के रूप में मनाया जाता है।

  • 27 जुलाई 2015 को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का निधन हुआ। वे भारत के 11वें राष्ट्रपति थे।

  • वे जाने-माने वैज्ञानिक और इंजीनियर के रूप में प्रसिद्ध थे।

  • डॉ कलाम का जन्म 1931 में रामेश्वरम में हुआ था। उनका राजनीति में आगमन विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में दिए गए उत्कृष्ट योगदान के कारण हुआ।

  • भारत की अग्नि मिसाइल को उड़ान देने वाले कलाम विज्ञान के क्षेत्र से सीधे राजनीति के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए।

  • भारत में मिसाइल के निर्माण में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए कलाम को "मिसाइल मैन" के नाम से जाना जाता है।

  • डॉक्टर कलाम को भारत सरकार द्वारा 1981 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

  • सर्वपल्ली राधाकृष्णन और जाकिर हुसैन के बाद वे पहले एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्हें 'भारत रत्न' राष्ट्रपति बनने से पूर्व ही प्राप्त हो गया था।

  • 1997 में कलाम को भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

26 जुलाई का इतिहास | आज का इतिहास: 26 जुलाई | कारगिल विजय दिवस कब मनाया जाता है | स्वेज नहर कब बनी | 26 July History | Kargil Vijay Divas

 

  • 26 जुलाई 1999 से "कारगिल विजय दिवस" मनाने की शुरुआत हुई।

  • पाकिस्तान से हुए कारगिल युद्ध में भारतीय जवानों ने अदम्य वीरता का परिचय दिया था।

  • विश्व इतिहास में कारगिल युद्ध दुनिया के सबसे ऊंचे क्षेत्रों में लड़ी गई लड़ाईयों में से एक है।

  • इस युद्ध को "ऑपरेशन विजय" के नाम से जाना जाता है।

  • इस युद्ध के दौरान 'बत्रा टॉप', 'टाइगर हिल', 'तोलोलिंग टॉप' और लद्दाख क्षेत्र के कई दुर्गम पहाड़ी चोटियों पर छिपे दुश्मन को भारतीय सेना के वीर जवानों ने अपनी जान पर खेलकर मार भगाया।

  • पाकिस्तान के कब्जे से इन स्थानों को आजाद करवाते हुए बलिदान देने वाले देश के वीर सपूतों की याद में हर साल कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।

  • 26 जुलाई वर्ष 1956 को मिस्र के राष्ट्रपति कर्नल जमाल अब्दुल नासिर ने स्वेज नहर कंपनी के राष्ट्रीयकरण की घोषणा की।

  • अप्रैल 1859 में विश्व की सबसे बड़ी नहरों में से एक स्वेज नहर का निर्माण कार्य शुरू हुआ।

  • स्वेज नहर भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है।

  • साल 1858 में फर्डिनेंड डी लेसेप्स ने नहर के निर्माण कार्य के लिए स्वेज नहर कंपनी का गठन किया।

  • स्वेज नहर की लंबाई पनामा नहर की लंबाई से दोगुनी है जबकि इसे बनाने में पनामा नहर के मुकाबले एक-तिहाई खर्च हुआ।

  • 10 वर्ष बाद साल 1869 में यह नहर बनकर तैयार हुई।

  • वर्तमान में स्वेज नहर मिस्र के नियंत्रण में है।

25 जुलाई का इतिहास | आज का इतिहास: 25 जुलाई | दुनिया का पहला IVF शिशु | 25 July History | Worlds First Taste-Tube Baby

 

  • 25 जुलाई 1978 को विश्व के पहले टेस्ट-ट्यूब बेबी यानी परखनली शिशु का जन्म ब्रिटेन के मैनचेस्टर शहर में हुआ।

  • दुनिया की इस पहली IVF शिशु का नाम लुइस ब्राउन रखा गया।

  • लुइस ब्राउन नाम की बच्ची आधी रात के बाद सरकारी अस्पताल में पैदा हुई।

  • शिशु का वजन करीब ढाई किलो था और वह ऑपरेशन के जरिए पैदा हुई।

  • नवंबर 1977 में लुइस की मां के गर्भ में डॉक्टरों ने उनके पति और उनका भ्रूण रखा था। इसे आईवीएफ(IVF) यानी इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन इलाज कहते हैं।

  • इसके बाद ब्रिटेन में करीब 5000 युगलों ने संतान प्राप्ति के लिए इस नए इलाज के लिए पंजीकरण करवाया।

24 जुलाई का इतिहास | आज का इतिहास: 24 जुलाई | प्रोफेसर उडुपी रामचंद्र राव के बारे में | 24 July History | 24 July Facts

 

  • 24 जुलाई 2017 को प्रोफेसर उडुपी रामचंद्र राव का निधन हुआ। वे एक प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक थे।

  • वे भारतीय उपग्रह कार्यक्रम के वास्तुकार के रूप में जाने जाते हैं।

  • उन्होंने अमेरिका के टेक्सास विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य किया। बाद में 1966 में वे भारत आ गए।

  • 1972 में उन्हें भारत में उपग्रह प्रौद्योगिकी की स्थापना की जिम्मेदारी मिली।

  • वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष पद पर भी रहे।

  • "आर्यभट्ट" सहित लगभग 18 उपग्रह उनके मार्गदर्शन में लॉन्च किये गए।

  • वे मार्च 2013 में अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में प्रतिष्ठित "सैटेलाइट हॉल ऑफ द फेम" में शामिल होने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक बने।

  • भारत सरकार ने उन्हें 1976 में पद्म भूषण और 2017 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया।

23 जुलाई का इतिहास | आज का इतिहास: 23 जुलाई | चंद्रशेखर आज़ाद | आकाशवाणी | 23 July History Hindi | 23 July Facts

 

  • 23 जुलाई 1906 को चंद्रशेखर आजाद का जन्म मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में हुआ था।

  • वे महान क्रांतिकारी और हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।

  • गांधी जी द्वारा असहयोग आंदोलन को अचानक बंद कर देने के कारण उनकी विचारधारा में बदलाव आया और वे क्रांतिकारी गतिविधियों से जुड़ गए।

  • उन्होंने भगत सिंह के साथ सांडर्स की हत्या करके लाला लाजपत राय की मौत का बदला लिया।

  • चंद्रशेखर आजाद के ही सफल नेतृत्व में भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने अप्रैल 1929 में दिल्ली की केंद्रीय असेंबली में बम फेंका था।

  • 27 फरवरी 1931 को चंद्रशेखर आजाद ने 5 अंग्रेज पुलिस वालों को गोली मारकर अपने आप को गोली मार ली।

  • आजाद ने प्रण किया था कि "उनके जीते जी अंग्रेज उन्हें कभी नहीं पकड़ पाएंगे।"

  • 23 जुलाई 1927 को भारतीय प्रसारण सेवा यानी इंडियन ब्रॉडकास्टिंग सर्विस की स्थापना की गई। इसे आज आकाशवाणी के नाम से जाना जाता है।

  • देश में रेडियो प्रसारण की शुरुआत मुंबई और कोलकाता में आज ही के दिन 2 निजी ट्रांसमीटरों से की गई।

  • साल 1930 में इसका राष्ट्रीयकरण किया गया।

  • 1935 में लियोनिल फील्डेन भारत के पहले कंट्रोलर ऑफ ब्रॉडकास्टिंग बने।

  • जून 1936 में भारत की सरकारी रेडियो सेवा 'इंडियन स्टेट ब्रॉडकास्टिंग सर्विस' का नाम बदलकर ऑल इंडिया रेडियो किया गया।

  • उस समय देश में रेडियो को 'इंडियन स्टेट ब्रॉडकास्टिंग' के नाम से जाना जाता था।

  • 1957 में ऑल इंडिया रेडियो का नाम बदलकर आकाशवाणी किया गया।

22 जुलाई का इतिहास | आज का इतिहास: 22 जुलाई | भारत का राष्ट्रीय ध्वज कब अपनाया गया | चंद्रयान-2 | 22 July History Hindi | Chandrayan

 

  • 22 जुलाई 1947 को भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को संविधान सभा की बैठक में अपनाया गया था।

  • भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा कहा जाता है।

  • तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया रंग, बीच में सफेद और सबसे नीचे हरे रंग की समान अनुपात वाली 3 पट्टियां हैं।

  • केसरिया त्याग और बलिदान का प्रतीक है। सफेद रंग शांति और सच्चाई का प्रतीक है। हरे रंग की आखिरी पट्टी उर्वरता और वृद्धि को परिलक्षित करती है।

  • झंडे की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होता है।

  • सफेद पट्टी के केंद्र में एक गहरे नीले रंग का चक्र है। इसका डिजाइन सारनाथ में स्थित अशोक स्तंभ से लिया गया है। चक्र का व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर है।

  • इस चक्र में 24 तीलियाँ हैं। यह चक्र इंगित करता है कि गति में जीवन है और ठहराव में मृत्यु है।

  • 22 जुलाई 2019 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने chandrayaan-2 को नियोजित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया।

  • Chandrayaan-2 को जीएसएलवी मार्क 3-m1 रॉकेट द्वारा श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया था।

  • इस मिशन में चंद्रयान के साथ लैंडर, ऑर्बिटर और रोवर भी शामिल थे।

  • यह मिशन चंद्रमा के अछूते दक्षिणी ध्रुव के बारे में जानकारी जुटाने के लिए था।

21 जुलाई का इतिहास | आज का इतिहास: 21 जुलाई | जयरामदास दौलतराम कौन थे | गंगूबाई हंगल | 21 July History | 21 July Facts

 

  • 21 जुलाई 1890 को जयरामदास दौलत राम का जन्म स्वतंत्रता पूर्व कराची में हुआ।

  • वे एक स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। मुंबई में नमक सत्याग्रह के दौरान वे मुख्य संगठनकर्ताओं में से एक थे।

  • गांधीजी की गिरफ्तारी के बाद जयरामदास दौलतराम ने उनके पत्र "यंग इंडिया" का संपादन किया लेकिन शीघ्र ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और गांधी-इरविन समझौते के बाद ही उन्हें 1931 में जेल से रिहा किया गया।

  • वे संविधान सभा के सदस्य भी चुने गए।

  • स्वतंत्रता के बाद जयरामदास बिहार के पहले राज्यपाल और भारत के दूसरे कृषि मंत्री नियुक्त हुए।

  • उनकी स्मृति में भारत सरकार ने 1985 में डाक टिकट भी जारी किया।

  • 21 जुलाई 2009 में गंगूबाई हंगल का निधन हुआ।

  • गंगूबाई हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की प्रसिद्ध गायिका थीं। उन्होंने सवाई गंधर्व से संगीत की शिक्षा ली।

  • गंगूबाई ने ख्याल गायकी की पहचान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे आधी सदी तक शास्त्रीय संगीत की महत्वपूर्ण हस्ती रहीं।

  • उनकी आत्मकथा "नन्ना बदुकिना हादु" यानी 'मेरे जीवन का संगीत' शीर्षक से प्रकाशित हुई।

  • भारतीय शास्त्रीय संगीत में इनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारत सरकार ने इन्हें 1971 में पद्म भूषण और 2002 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया।

20 जुलाई का इतिहास | आज का इतिहास: 20 जुलाई | बटुकेश्वर दत्त ने भूख हड़ताल कब की | मनुष्य ने चाँद पर पहला कदम कब रखा | 20 July History | 20 July Facts

 

  • 20 जुलाई 1965 को महान क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त का निधन हुआ।

  • बटुकेश्वर दत्त को सबसे ज्यादा प्रसिद्धि तब मिली जब उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अप्रैल 1929 में भगत सिंह के साथ मिलकर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए सेंट्रल असेंबली में बम फेंका।

  • इसके बाद दोनों ने "इंकलाब जिंदाबाद… साम्राज्यवाद का नाश हो" के नारे लगाए।

  • बम फेंकने का उद्देश्य किसी को हानि पहुंचाना नहीं था, इसलिए एसेंबली में खाली स्थान पर ही बम फेंका गया।

  • उन्होंने वहां पर्चे भी बांटे जिसका प्रथम वाक्य था– "बहरों को सुनाने के लिए विस्फोट के बहुत ऊँचे शब्दों की आवश्यकता होती है"।

  • भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त पर लाहौर षड्यंत्र के तहत मुकदमा चला जिसके तहत इन्हें लाहौर जेल भेजा गया।

  • बटुकेश्वर दत्त को आजीवन कारावास की सजा और भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी की सजा सुनाई गई।

  • जेल में बटुकेश्वर दत्त ने 1933 और 1937 में ऐतिहासिक भूख हड़ताल की। 1945 में उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।

  • 20 जुलाई 1969 को मनुष्य ने अंतरिक्ष में एक नया इतिहास रचा जब नील आर्मस्ट्रांग के चाँद की सतह पर उतरते ही मनुष्य ने चाँद पर अपना पहला कदम रखा।

  • चांद पर इंसान का पहुंचना, अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में मनुष्य की सबसे बड़ी कामयाबियों में शामिल है।

  • अमेरिका के केप कैनेडी स्टेशन से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरते ही महज 12 मिनट के अंदर अपोलो 11 पृथ्वी की कक्षा में चक्कर काटने लगा।

  • अपोलो 11 के ऐतिहासिक मिशन पर इस यान पर नील आर्मस्ट्रांग के साथ उनके 2 और साथी थे– माइकल कॉलिन्स और एडविन ऑल्ड्रिन।

  • नील आर्मस्ट्रांग के साथ चांद की सतह पर ऑल्ड्रिन भी उतरे और दोनों ने मिलकर चाँद पर कई तस्वीरें खींची और अमेरिकी झंडा गाड़ा।

19 जुलाई का इतिहास | आज का इतिहास: 19 जुलाई | जल्लादों ने मंगल पांडे को फाँसी देने से क्यों मना कर दिया | 19 July History | 19 July Facts

 

  • 19 जुलाई 1827 को मंगल पांडे का जन्म उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के नगवा गांव में हुआ था।

  • वह पहले स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी थे।

  • मार्च 1857 में स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत मंगल पांडे के पहले सैनिक विद्रोह के साथ हुई।

  • कोलकाता के पास बैरकपुर छावनी में ईस्ट इंडिया कंपनी के अंग्रेज अफसर पर सिपाही मंगल पांडे ने गोली चलाई।

  • अंग्रेजी शासन के खिलाफ भारत में यह पहला बड़ा विद्रोह था। ब्रिटिश सेना में रहते हुए उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला था।

  • मंगल पांडे ने गाय की चर्बी युक्त कारतूस को मुँह से काटने से मना कर दिया था। फलस्वरूप उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

  • मंगल पांडे की देशभक्ति से जल्लाद भी प्रभावित थे। इसी कारण उन्होंने फांसी देने से इंकार कर दिया।

  • उसके बाद कलकत्ता से जल्लाद बुलाए गए और 8 अप्रैल की सुबह बैरकपुर के परेड ग्राउंड में पहले स्वतंत्रता संग्राम के नायक मंगल पांडे को फांसी दी गई ।

  • 19 जुलाई 1969 को देश के 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था।

  • लगभग 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की पूंजी वाले निजी बैंकों का तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राष्ट्रीयकरण किया।

  • अप्रैल 1980 में निजी क्षेत्र के 6 और बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया।

  • बैंकों के राष्ट्रीयकरण का मुख्य उद्देश्य है– बैंकिंग सेवाओं और सुविधाओं का विस्तार करना। जिससे किसानों और गरीबों तक बैंकों की पहुंच सुनिश्चित हो सके और पूंजीपतियों और साहूकारों पर कर्ज की निर्भरता कम हो।

  • आज के दिन यानी 19 जुलाई को "बैंकों का राष्ट्रीयकरण दिवस" के रूप में मनाया जाता है।

18 जुलाई का इतिहास | आज का इतिहास:18 जुलाई | नेल्सन मंडेला को भारत रत्न कब मिला | 18 July History | 18 July Facts | Aaj ka Itihas | Nelson Mandela

 

  • 18 जुलाई 1918 को नेल्सन मंडेला का जन्म दक्षिण अफ्रीका के केप प्रांत में हुआ था।

  • नेल्सन मंडेला का नाम दुनिया के बेहतरीन राजनेताओं में शामिल किया जाता है।

  • उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेदी सरकार की जगह एक बहुनस्ली लोकतांत्रिक सरकार के लिए लंबा संघर्ष किया था, जिसके लिए उन्हें 27 सालों की कैद हुई।

  • 1964 में राजद्रोह और साजिश के लिए उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई गई।

  • वर्ष 1990 में नेल्सन मंडेला को 27 साल की कैद के बाद रिहाई मिली।

  • साल 1994 में नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने।

  • शांति में अतुलनीय योगदान के लिए 1990 में मंडेला को भारत सरकार ने भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया।

  • 1993 में नेल्सन मंडेला को नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

9 सितंबर का इतिहास | आज का इतिहास: 9 सितंबर | कैप्टन विक्रम बत्रा | 9 September History in Hindi | Captain Vikram Batra Kaun The

  9 सितंबर 1974 को कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म हिमाचल प्रदेश के पालमपुर जिले में हुआ था। कैप्टन विक्रम बत्रा ने कारगिल युद्ध में अद्भुत शौर्...