12 जुलाई 1895 को दुर्गा प्रसाद खत्री का जन्म वाराणसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था।
वे हिंदी के प्रसिद्ध उपन्यासकारों में से एक थे और देवकीनंदन खत्री के पुत्र थे, जिन्हें तिलिस्मी उपन्यासकार के रूप में जाना जाता है।
दुर्गा प्रसाद खत्री ने 2 दर्जन से अधिक उपन्यास लिखे। इनके उपन्यास चार प्रकार के हैं जिनमें तिलिस्मी, जासूसी, सामाजिक, अद्भुत और संभाव्य घटनाओं पर आधारित उपन्यास।
तिलिस्मी उपन्यास लेखन में दुर्गा प्रसाद खत्री ने अपने पिता की परंपरा का बारीकी से अनुकरण किया।
दुर्गा प्रसाद खत्री ने 'उपन्यास लहरी' और 'रणभेरी' नामक पत्रिकाओं का संपादन भी किया।
उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई से प्रेरित होकर कई जासूसी उपन्यास लिखे।
प्रतिशोध, लालपंजा, रक्तमंडल, सुफेद शैतान जासूसी उपन्यास होते हुए भी राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत हैं और भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन को प्रतिबिंबित करते हैं।
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