★
20 जुलाई 1965 को महान क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त का निधन हुआ।
बटुकेश्वर दत्त को सबसे ज्यादा प्रसिद्धि तब मिली जब उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अप्रैल 1929 में भगत सिंह के साथ मिलकर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए सेंट्रल असेंबली में बम फेंका।
इसके बाद दोनों ने "इंकलाब जिंदाबाद… साम्राज्यवाद का नाश हो" के नारे लगाए।
बम फेंकने का उद्देश्य किसी को हानि पहुंचाना नहीं था, इसलिए एसेंबली में खाली स्थान पर ही बम फेंका गया।
उन्होंने वहां पर्चे भी बांटे जिसका प्रथम वाक्य था– "बहरों को सुनाने के लिए विस्फोट के बहुत ऊँचे शब्दों की आवश्यकता होती है"।
भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त पर लाहौर षड्यंत्र के तहत मुकदमा चला जिसके तहत इन्हें लाहौर जेल भेजा गया।
बटुकेश्वर दत्त को आजीवन कारावास की सजा और भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी की सजा सुनाई गई।
जेल में बटुकेश्वर दत्त ने 1933 और 1937 में ऐतिहासिक भूख हड़ताल की। 1945 में उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।
★
20 जुलाई 1969 को मनुष्य ने अंतरिक्ष में एक नया इतिहास रचा जब नील आर्मस्ट्रांग के चाँद की सतह पर उतरते ही मनुष्य ने चाँद पर अपना पहला कदम रखा।
चांद पर इंसान का पहुंचना, अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में मनुष्य की सबसे बड़ी कामयाबियों में शामिल है।
अमेरिका के केप कैनेडी स्टेशन से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरते ही महज 12 मिनट के अंदर अपोलो 11 पृथ्वी की कक्षा में चक्कर काटने लगा।
अपोलो 11 के ऐतिहासिक मिशन पर इस यान पर नील आर्मस्ट्रांग के साथ उनके 2 और साथी थे– माइकल कॉलिन्स और एडविन ऑल्ड्रिन।
नील आर्मस्ट्रांग के साथ चांद की सतह पर ऑल्ड्रिन भी उतरे और दोनों ने मिलकर चाँद पर कई तस्वीरें खींची और अमेरिकी झंडा गाड़ा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें