28 जुलाई 1914 को पहला विश्व युद्ध हुआ। युद्ध के दौरान पूरी दुनिया दो खेमों में बंट गई– पहला मित्र राष्ट्र और दूसरा धुरी राष्ट्र।
मित्र राष्ट्रों में ब्रिटेन, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और फ्रांस थे। धुरी राष्ट्रों में जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी और इटली शामिल थे।
जर्मनी की नई अंतरराष्ट्रीय विस्तारवादी नीति से विश्व शक्ति के रूप में उभरने के प्रयास के चलते विश्व में अंतरराष्ट्रीय स्थिति अस्थिर हो गई।
उस समय लगभग प्रत्येक देश अपनी मनमानी कर रहा था जिस कारण यूरोप की राजनीति में अराजक स्थिति बन गई।
इसी दौरान एक बड़ी घटना घटी जिसने पहले विश्वयुद्ध को जन्म दिया। जून 1914 में जब ऑस्ट्रिया के उत्तराधिकारी आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड बोस्निया में सराजेवो का दौरा कर रहे थे तब उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।
ऑस्ट्रिया ने इस घटना के लिए सर्बिया को जिम्मेदार ठहराया। ऑस्ट्रिया ने सर्बिया को चेतावनी दी कि 48 घंटे के अंदर इस घटना के संदर्भ में अपनी स्थिति स्पष्ट करें और अपराधियों का दमन करें।
सर्बिया ने ऑस्ट्रिया की मांग को ठुकरा दिया। परिणामस्वरूप 28 जुलाई 1914 को ऑस्ट्रिया ने सर्बिया के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी।
देखते ही देखते विश्व के अन्य राष्ट्र भी अपने-अपने गुटों के समर्थन में उतर आए और युद्ध विकराल होता चला गया। अंततः इसने पहले विश्व युद्ध का रूप ले लिया।
लगभग 4 साल चला यह प्रथम विश्व युद्ध नवंबर 1918 में कई संधियों के साथ समाप्त हुआ।
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