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29 जुलाई 1891 को ईश्वर चंद्र विद्यासागर का निधन हुआ।
ये प्रसिद्ध दार्शनिक, लेखक, शिक्षाविद और महान समाज सुधारक थे। उनके बचपन का नाम ईश्वर चंद्र बंद्योपाध्याय था।
विद्यासागर बंगाल के पुनर्जागरण के स्तंभों में से एक थे।
संस्कृत भाषा और दर्शन में विशेष दक्षता के लिए उन्हें विद्यासागर की उपाधि प्रदान की गई।
वे नारी शिक्षा के समर्थक थे। उनके प्रयासों से कई बालिका विद्यालयों की स्थापना हुई।
उन्होंने 1856 में विधवा-पुनर्विवाह कानून पारित करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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29 जुलाई 1996 को अरुणा आसफ अली का निधन हुआ।
वह भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं। उनका बचपन का नाम अरुणा गांगुली था।
उन्होंने स्कूली शिक्षा नैनीताल में प्राप्त की थी। अपने पढ़ाई पूरी करने के बाद वह शिक्षिका बन गईं और कोलकाता के गोखले मेमोरियल कॉलेज में पढ़ाने लगीं।
समाजवादी विचारों के चलते 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में अरुणा ने अंग्रेजों की जेल में बंद होने के बदले बाहर से लड़ने का फैसला लिया।
वर्ष 1975 में उन्हें शांति और सौहार्द के क्षेत्र में "लेनिन प्राइज" से सम्मानित किया गया।
देश के प्रति जीवन समर्पित करने वाली अरुणा को भारत सरकार ने वर्ष 1992 पद्मविभूषण से और वर्ष 1997 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया।
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