1 अगस्त 1882 को पुरुषोत्तम दास टंडन का जन्म इलाहाबाद यानी प्रयागराज में हुआ था।
वे महान स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ ही एक कर्मठ पत्रकार, तेजस्वी वक्ता और समाज सुधारक थे।
पुरुषोत्तमदास टंडन राष्ट्रीय आंदोलन के अग्रणी पंक्ति के नेताओं में शामिल थे।
उन्होंने हिंदी को राजभाषा के पद पर प्रतिष्ठित करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारत के राजनीतिक और सामाजिक जीवन में नई चेतना और क्रांति पैदा करने में वे "राजर्षि" के नाम से प्रसिद्ध हुए।
उन्होंने 1906 के कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में गोपाल कृष्ण गोखले के अंगरक्षक के रूप में सक्रिय रूप से भाग लिया।
1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान वे जेल भी गए।
1950 में उन्हें 'अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी' का अध्यक्ष चुना गया।
उन्हें उत्तर प्रदेश में "कृषक आंदोलन" का जन्मदाता माना जाता है।
1961 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
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