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13 अगस्त 1795 को अहिल्याबाई होल्कर का निधन हुआ।
उन्हें सेवा, सादगी, सरलता और मातृभूमि की सच्ची सेविका के रूप में याद किया जाता है।
अहिल्याबाई इंदौर घराने की महारानी थीं। उन्होंने समाज की कई तरह की कुरीतियों और कुप्रथाओं को समाप्त किया।
अहिल्याबाई बचपन से ही शिव जी की भक्त थीं और हमेशा अपने पास एक शिवलिंग रखती थीं।
इंदौर में प्रतिवर्ष उनकी स्मृति में "अहिल्योत्सव" का आयोजन किया जाता है।
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13 अगस्त 1936 को भीकाजी रुस्तम कामा का निधन हुआ।
भीकाजी एक स्वतंत्रता सेनानी थीं और "मैडम कामा" के नाम से प्रसिद्ध थीं।
उन्होंने कई देशों का भ्रमण कर भारत की स्वतंत्रता के लिए काम किया।
भीकाजी को जर्मनी के स्टटगार्ट शहर में अगस्त 1907 में हुए सातवें अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन में तिरंगा फहराने के लिए याद किया जाता है।
वे लंदन में रहते हुए दादा भाई नौरोजी की निजी सचिव भी रहीं।
भारत सरकार ने देश के प्रति भीकाजी रुस्तम कामा के समर्पण और योगदान के लिए उनके सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया।
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