21 अगस्त 1972 को "वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972" लोकसभा में पारित हुआ।
यह अधिनियम इसी महीने 26 अगस्त 1972 को राज्यसभा में पारित हुआ था।
इस अधिनियम ने देश के विभिन्न वन्यजीवों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 जंगली जानवरों और पौधों की विभिन्न प्रजातियों को संरक्षण प्रदान करता है।
साथ ही यह अधिनियम वन्यजीवों से बने उत्पादों के व्यापार के विनियमन और नियंत्रण के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करता है।
इस कानून के बनने के बाद कई लुप्त प्रजातियों को संरक्षित करने में मदद मिली।
वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 9 सितंबर 1972 से लागू हुआ।
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