6 अगस्त 1945 के दिन इतिहास में पहला परमाणु हमला हुआ।
यह हमला द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा शहर पर किया था।
इस परमाणु बम ने शहर के हजारों लोगों को पलभर में मौत के घाट उतार दिया था।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार हिरोशिमा में लगभग 80 हज़ार लोग मारे गए थे और लगभग 70% इमारतें नष्ट हो गई थीं।
जो लोग बच गए थे वे अपंगता के शिकार हो गए।
दूर-दूर तक के इलाकों में घंटों काली बारिश होती रही और रेडियोएक्टिव विकिरण ने इस शहर में कहर बरपा दिया। चारों तरफ मौत का मंजर था।
अमेरिका ने इस परमाणु बम को "द लिटिल बॉय" नाम दिया। इस परमाणु विस्फोटक का कोड नेम फिल्म 'द माल्टीज़ फॉल्कन' से लिया गया था।
इस परमाणु हमले का एक कारण यह भी था कि जापानी सैनिकों ने ब्रिटिश और अमेरिकी सैनिकों के साथ क्रूर व्यवहार किया था।
अमेरिका की शुरुआती लिस्ट में जापान के 5 शहर– कोकुरा, हिरोशिमा, योकोहामा, निगाटा और क्योटो शामिल थे। बाद में क्योटो की जगह नागासाकी ने ले ली।
हिरोशिमा पर गिराया गया 'लिटिल ब्वॉय' बम यूरेनियम-235 से बना था।
हिरोशिमा शहर में हुए परमाणु बम के हमले से जापान अभी उबरा भी नहीं था कि अमेरिका ने 3 दिन बाद ही 9 अगस्त को दूसरे शहर नागासाकी पर परमाणु हमला कर दिया।
हर साल 6 अगस्त को "हिरोशिमा दिवस" शांति की राजनीति को बढ़ावा देने और हिरोशिमा पर बम हमले के प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
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