7 अगस्त 1941 को रवीन्द्रनाथ टैगोर का निधन हुआ। उन्हें गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है।
गुरुदेव बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। वे विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, नाटककार, संगीतकार और दार्शनिक भी थे।
वे एक सच्चे देशभक्त थे। वे एकमात्र कवि हैं जिनकी 2 रचनायें 2 देशों का राष्ट्रगान बनीं।
भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रगान की रचना उन्होंने ही की थी।
रवींद्र संगीत बांग्ला संस्कृति का अभिन्न अंग है।
उन्होंने लंदन विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की।
1914 में उन्हें जॉर्ज पंचम ने "नाइटहुड" की उपाधि से सम्मानित किया।
1914 में जलियाँवाला बाग हत्याकांड के विरोध में उन्होंने यह उपाधि लौटा दी थी।
विश्वप्रसिद्ध महाकाव्य 'गीतांजलि' की रचना के लिए 1913 में उन्हें साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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