8 अगस्त 1908 को सिद्धेश्वरी देवी का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ।
वे भारतीय शास्त्रीय संगीत की प्रसिद्ध गायिका थीं।
सिद्धेश्वरी खयाल, ठुमरी, दादरा, कजरी गायन में काफी निपुण थीं।
अपने मधुर और सधे कण्ठ से ठुमरी गायन में इन्हें महारत हासिल थी।
इनके बचपन का नाम गोनो था। उन्हें सिद्धेश्वरी देवी का नाम प्रख्यात विद्वान और ज्योतिषी पंडित महादेव प्रसाद मिश्र ने दिया।
एक बार मुंबई के एक समारोह में वरिष्ठ गायिका केसरबाई उनके साथ ही उपस्थित थीं। जब उनसे ठुमरी गाने को कहा गया तो उन्होंने कहा कि "जहां ठुमरी साम्राज्ञी सिद्धेश्वरी देवी हों वहां मैं कैसेगा सकती हूं"।
उनकी स्मृति में "सिद्धेश्वरी देवी एकेडेमी ऑफ म्यूजिक" की स्थापना की गई।
साहित्य कला परिषद और संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित सिद्धेश्वरी देवी को भारत सरकार ने 1967 में पद्मश्री से सम्मानित किया।
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