30 अगस्त का इतिहास | आज का इतिहास: 30 अगस्त | कनाईलाल दत्त कौन थे | कनाईलाल दत्त के बारे में | डिसकवरी अंतरिक्ष यान | 30 August History in Hindi | Kanailal Dutta | Discovery Space raat | What is Kanailal Dutta famous for | Facts

 

  • 30 अगस्त 1888 को कनाईलाल दत्त का जन्म बंगाल में हुगली जिले के चंदननगर में हुआ था।

  • वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी थे।

  • क्रांतिकारियों की एक गुप्त संस्था 'युगान्तर' के माध्यम से वे क्रांतिकारी गतिविधियों में सक्रिय हुए।

  • जब 1908 में खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी ने किंग्सफोर्ड पर आक्रमण किया, तो इस घटना के दौरान उन्होंने जेल में एक मुखबिर की हत्या की।

  • कनाईलाल दत्त पर इस हत्या के लिए मुकदमा चला और उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई।

  • 30 अगस्त 1984 को डिस्कवरी ने अपनी पहली ऐतिहासिक उड़ान भरी।

  • डिस्कवरी नासा का एक अंतरिक्ष यान है जिसे एयरक्राफ्ट की तरह उपयोग किया जाता है।

  • यह अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्रम का सबसे पुराना और सबसे अधिक सफर करने वाला अंतरिक्ष यान है।

  • डिस्कवरी अंतरिक्ष यान को ऑर्बिटर वाहन के रूप में भी जाना जाता है।

  • डिस्कवरी को पहली बार फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया गया।

  • उड़ान भरने के बाद यह 8 मिनट के अंदर पृथ्वी की कक्षा में पहुँच गया।

  • डिस्कवरी को कई अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की मरम्मत करने और वहां अध्ययन करने के लिए भेजा गया था।

  • अपनी पहली उड़ान में डिस्कवरी ने 6 दिनों की यात्रा की।

  • इस यान ने लगभग 40 लाख किलोमीटर की यात्रा तय की और पृथ्वी की कक्षा के 97 चक्कर लगाए।

  • अपने लॉन्च के बाद से डिस्कवरी ने 30 से अधिक सफल अभियान पूरे किये हैं।

29 अगस्त का इतिहास | आज का इतिहास: 29 अगस्त | मेजर ध्यानचंद के बारे में | हॉकी का जादूगर किसे कहते हैं | 29 August History | Major Dhyanchand | National Sports Day

 

  • 29 अगस्त 1905 को मेजर ध्यानचंद का जन्म इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था।

  • उनका नाम भारत ही नहीं बल्कि विश्व के सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ियों में शामिल किया जाता है।

  • मेजर ध्यानचंद को 'हॉकी का जादूगर' भी कहा जाता है।

  • उन्होंने अपने खेल जीवन की शुरुआत ब्रिटिश भारतीय रेजिमेंटल हॉकी टीम के साथ की थी।

  • उनके टीम में रहते हुए भारतीय हॉकी टीम ने लगातार 3 बार ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते– 1928 का एम्सटर्डम ओलंपिक, 1932 का लॉस एंजिलिस ओलंपिक और 1936 का बर्लिन ओलंपिक।

  • अपने हॉकी खेल जीवन में उन्होंने 1000 से अधिक गोल किये।

  • उनके करिश्माई प्रदर्शन से जर्मनी का तानाशाह एडोल्फ हिटलर और क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन बहुत प्रभावित थे।

  • उनके नाम पर खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए "ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार" दिया जाता है।

  • मेजर ध्यानचंद की जयंती को "राष्ट्रीय खेल दिवस" के रूप में मनाया जाता है।

  • 1956 में मेजर ध्यानचंद को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

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