4 सितंबर 1825 को दादाभाई नौरोजी का जन्म महाराष्ट्र के मुंबई (तत्कालीन बम्बई) में हुआ था।
1892 में दादाभाई नौरोजी ब्रिटेन की संसद में चुने जाने वाले पहले अश्वेत और साथ ही पहले भारतीय व्यक्ति बने।
दादाभाई नौरोजी ब्रिटेन के “हाउस ऑफ कॉमन्स” में पहुँचने वाले एशिया के पहले व्यक्ति थे।
वे 1892-1895 तक हाउस ऑफ कॉमन्स के सदस्य रहे।
दादाभाई नौरोजी को “भारतीय राजनीति का पितामह” कहा जाता है।
दादाभाई नौरोजी जातिवाद और साम्राज्यवाद के विरोधी के तौर पर जाने जाते थे।
उन्होंने लड़कियों के लिए स्कूल भी खोला था जिसके कारण उन्हें रूढ़िवादी पुरुषों के विरोध का सामना करना पड़ा।
बाद में धीरे-धीरे नौरोजी ने भारत में महिला शिक्षा को लेकर लोगों की राय बदली।
दादाभाई नौरोजी की लिखी एक प्रमुख पुस्तक है– Poverty and Un-British Rule in India।
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